ननकट्ठी। ग्राम ननकट्ठी सहित आसपास के क्षेत्रों में शुक्रवार को करवा चौथ का पावन व्रत बड़े हर्षोल्लास और पारंपरिक श्रद्धा के साथ मनाया गया। सुहागिन महिलाओं ने निर्जला व्रत रखकर अपने पति की दीर्घायु, सुख और समृद्धि की कामना की। दिनभर महिलाएं सजने-संवरने और पूजन की तैयारियों में व्यस्त रहीं। शाम ढलते ही गांव के आंगनों में सजे थाल, दीपों की रोशनी और मंगल गीतों की मधुर गूंज से वातावरण भक्तिमय हो उठा।

संध्या बेला में सुहागिनों ने भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की पूजा-अर्चना कर उनसे अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मांगा। कई स्थानों पर महिलाओं ने सामूहिक रूप से भी करवा चौथ की कथा सुनी और एक-दूसरे को तिलक लगाकर मंगलकामनाएं दीं। चांद निकलने की प्रतीक्षा में सजी-धजी महिलाएं छलनी लिए आसमान की ओर निहारती रहीं।
जैसे ही चंद्रमा के दर्शन हुए, सुहागिनों ने विधि-विधान से चांद को अर्घ्य अर्पित किया और छलनी से अपने पति का मुख देखकर व्रत का पारायण किया। पति के हाथों जल ग्रहण कर महिलाओं ने व्रत तोड़ा और एक-दूसरे को करवा चौथ की बधाई दी। ग्रामीण अंचल में भी इस पर्व को लेकर महिलाओं में अपार उत्साह और उल्लास देखने को मिला।
करवा चौथ जैसे पर्व भारतीय नारी के समर्पण, प्रेम और विश्वास का प्रतीक हैं — जिसने एक बार फिर ननकट्ठी की सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत कर दिया।












