श्रद्धालुओं की भीड़, पारंपरिक वाद्य यंत्रों और जसगीतों की गूंज
आनंद साहू +91 99772 13194

शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि पर बुधवार को ग्राम ननकट्ठी सहित आसपास के गांवों में आस्था और श्रद्धा का ऐसा उत्सव देखने को मिला जिसने हर किसी को भावविभोर कर दिया। परंपरा और भक्ति के संगम से सजी जोत-जंवारा विसर्जन शोभायात्राओं ने पूरे क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय बना दिया।
सुबह से ही मंदिरों और समितियों के बाहर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। जसगीतों की मधुर लहरियों और देवी भजनों की स्वर गूंज के बीच महिलाएं सिर पर ज्योति कलश और जंवारा लेकर पदयात्रा पर निकलीं। उनके पीछे जयकारों से गूंजता श्रद्धालुओं का कारवां आगे बढ़ा तो मानो पूरा गांव देवी भक्ति में डूब गया हो। ग्राम के प्रमुख हनुमान मंदिर से निकली शोभायात्रा विशेष आकर्षण का केंद्र रही। विधिविधान के साथ मंदिर प्रांगण में बने कुंड में ज्योति और जंवारा का विसर्जन हुआ, जिसे देखने हजारों लोग उमड़ पड़े।
शीतला तालाब के पास भी श्रद्धालुओं का जनसैलाब देखने को मिला। ढोल-नगाड़ों, बैंड-बाजों और पारंपरिक वाद्य यंत्रों की थाप पर वातावरण गूंज उठा। महिलाएं, युवा और बच्चे भक्ति रस में सराबोर होकर जसगीत गाते और नृत्य करते नजर आए। श्रद्धालुओं ने मां जगदम्बा से सुख-समृद्धि और मनोकामना पूर्ति की कामना की।
इस अवसर पर पहली बार सिर पर ज्योति कलश रखकर विसर्जन में शामिल हुईं श्रीमती सनत कुमारी ने कहा— “यह मेरे जीवन का अद्वितीय अनुभव रहा। माता की भक्ति में जो आत्मिक शांति और संतोष मिला, उसे शब्दों में बयान करना कठिन है। यह पल जीवनभर याद रहेगा।”










