सोलह श्रृंगार कर चांद के दर्शन, पति के हाथों पानी पीकर तोड़ा व्रत

पति की दीर्धायु के लिए सुहागिनों ने किया करवा चौथ का निराहार व निर्जला व्रत

करवा चौथ पर सुहागिनों ने व्रत रखकर पति की दीर्घायु व सुख समृद्धि की कामना की। इस दौरान महिलाओं ने भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा कर उनसे आशीर्वाद मांगा। महिलाओं ने कई जगहों पर सामूहिक रूप से भी पूजा-अर्चना की। रविवार को पूरा दिन साज-सज्जा, पूजन की तैयारियों में व्यतीत किया। शाम को श्रृंगार कर सुहागिन महिलाओं ने चंद्रमा को अर्घ्य देने के साथ छलनी से पति को देखा। पति के हाथों जल ग्रहण करने के बाद व्रत तोड़ा। करवा चौथ के व्रत को लेकर ग्रामीण अंचल की महिलाओं में भी काफी उत्साह देखने को मिला।
सुहागन महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले व्रत में से एक करवा चौथ का व्रत है। करवा चौथ के अवसर पर 20 अक्टूबर को सुबह से ही सुहागिनें व्रत-पूजा की तैयारी में लग गई थीं। दिनभर महिलाओं ने निर्जला व्रत रखा और शाम होने के बाद महिलाएं श्रृंगार कर चांद के निकलने का इंतजार करती रहीं। महिलाएं चांद निकलने से पहले ही पूजन सामग्री के साथ छतों और आंगन में पहुंच गई थी। चंद्रमा के दर्शन होते ही पूजन-अर्चना शुरू की। महिलाओं ने चंद्रमा को अर्घ्य देने के साथ ही सुहाग की सलामती व सुख समृद्धि की कामना की और अपने पति का चेहरा छलनी में देखकर व्रत पूर्ण किया। इसके बाद व्रत रखने वाली महिलाओं ने सभी बड़ों का आशीर्वाद भी लिया।